आसन के नियमन को भी विपक्ष ने किया दरकिनार, कार्यमंत्रणा में भी नहीं बनी बात

नियोजन नीति को लेकर उठा बवंडर अभी शांत नहीं हुआ है। झारखंड विधानसभा का बजट सत्र का आज 10वाँ दिन है। विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायकों ने '1932 का क्या हुआ ' नारों को लेकर प्रदर्शन किया, तो वहीं नारे लिखे टी शर्ट के साथ सदन के अंदर भी अपना तेवर बरकरार रखा। हंगामे के बीच ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन ज्यादा देर तक नहीं चली। आधे घंटे के बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

आसन के नियमन को भी विपक्ष ने किया दरकिनार, कार्यमंत्रणा में भी नहीं बनी बात

रांची, झारखंड 

नियोजन नीति को लेकर उठा बवंडर अभी शांत नहीं हुआ है। झारखंड विधानसभा का बजट सत्र का आज 10वाँ दिन है। विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायकों ने '1932 का क्या हुआ ' नारों को लेकर प्रदर्शन किया, तो वहीं नारे लिखे टी शर्ट के साथ सदन के अंदर भी अपना तेवर बरकरार रखा। हंगामे के बीच ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन ज्यादा देर तक नहीं चली। आधे घंटे के बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दरअसल आज आसन ने विपक्ष पर सख्ती दिखायी है। अध्यक्ष ने विपक्ष को दो टूक कह दिया है कि जब वे नियमन और निर्देश का पालन नहीं कर रहे, तो आसन भी उन्हें समय नहीं दे सकता। आज सदन में चल रहे गतिरोध को लेकर कार्यमंत्रणा समिति की बैठक भी हुई, लेकिन बताया जा रहा है बीजेपी सदन में सीएम का जवाब मांग रहे। बीजेपी ने कहा है कि सीएम के जवाब के बाद वो नारों से लिखी टी-शर्ट पहनकर नहीं आयेंगे। 

ट्रांसफर-पोस्टिंग पर मंत्री विधायक आमने-सामने

स्वास्थ्य विभाग में नियम विरूद्ध ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर आज मंत्री बन्ना गुप्ता और विधायक सरयू राय के बीच सदन में तीखी नोकझोंक हो गयी। विधायक ने कहा कि कार्यपालिका नियमावली की धारा तीन और चार का उल्लंघन कर विभाग में तबादले किये जा रहे हैं। इसके जवाब में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि जब सरयू राय मंत्री थे, तब उन्होंने भी नियमों का उल्लंघन किया था, इसके पूरे कागजात उनके पास है। मंत्री ने कहा कि परंपरा के अनुसार ही ट्रांसफर - पोस्टिंग हुई है।

बहुमत पर अल्पमत भारी

जेएमएम विधायक सरफराज अहमत ने आज सदन में विपक्ष के आचरण को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि वोकल माइनॉरिटी साइलेंट मेजोरिटी पर हावी है। उन्होंने विपक्ष पर कार्रवाई की मांग की है। 

1932 पर इंतजार नहीं

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने साफ कहा कि 1932 आधारित स्थानीय और नियोजन नीति पर अब सरकार इंतजार नहीं कर सकती। सदन ने सर्वसम्मति से विधानसभा से पारित कर राज्यपाल के माध्यम से भारत सरकार को भेजा गया है, लेकिन अबतक कोई फलाफल नहीं है, इसलिए सरकार ने कैबिनेट से नयी नियुक्ति नियमावली पारित करा ली है, क्योंकि समय निकल रहा है। विभागों से रिक्तियां मांगी जा रही है, बहुत जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी।