भ्रष्ट यार-बचाए सरकार..केन्द्र पर हमलावर हुई कांग्रेस, झारखंड में राजभवन का किया घेराव।

अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमिटी के 85वें पूर्ण अधिवेशन रायपुर छत्तीसगढ़ में इस बात का सर्वसम्मति से निर्णय हुआ था कि केन्द्र सरकार के खिलाफ 13 मार्च को देशव्यापी आंदोलन किया जायेगा। इसी क्रम में झारखंड की राजधानी रांची में राजभवन का घेराव किया गया।

भ्रष्ट यार-बचाए सरकार..केन्द्र पर हमलावर हुई कांग्रेस, झारखंड में राजभवन का किया घेराव।

रांची, झारखंड

सोमवार को झारखंड प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के तत्वावधान में मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका से कचहरी चौक होते हुए राजभवन तक पार्टी नेताओँ ने मार्च किया। कार्यक्रम का नेतृत्व प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर और नेता कांग्रेस विधायक दल आलमगीर आलम ने किया। कांग्रेस के केन्द्रीय पदाधिकारी, मंत्री विधायक और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के घोर पूंजीवादी नीतियों क्रोनी कैपिटलीजम के खिलाफ राजभवन के घेराव का आयोजन किया था। राजभवन घेराव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड प्रदेश नेताओं ने कहा कि आज पूरा देश प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार की अडानी के पक्ष में क्रोनी कैपिटलिज्म की नीति से त्रस्त है। गहरे आर्थिक संकट के समय में भाजपा सरकार देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को अडानी समूह को बेच रही है और एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक संस्थानों को निवेश करने के लिए मजबूर कर रही है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के भारतीयें की करोड़ो की बचत जोखिम में है, लेकिन एक ज़िम्मेदार विपक्षी दल होने के नाते हम भाजपाई सत्ता के मित्र पूंजीपतियों को सरकारी खजाने की लूट की खुली छूट और प्रधानमंत्री से संबंधित इस पूरे अडानी महाघोटाले में हो रहे घोटालों से भी चिंतित हैं।

रायपुर अधिवेशन में बनी थी रणनीति

अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमिटी के 85वें पूर्ण अधिवेशन रायपुर छत्तीसगढ़ में ही इस बात का सर्वसम्मति से निर्णय हुआ था इसी निर्णय के आलोक में 6 मार्च को सभी प्रखंडों में अवस्थित एलआईसी और एसबीआई के शाखाओं के समक्ष प्रखंड कमिटी के द्वारा धरना प्रदर्शन हुआ था और आज महाधिवेशन में लिये गये निर्णय के आलोक में राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत झारखंड में भी राजभवन घेराव कार्यक्रम संपन्न हुआ।

पीएम संसद में प्रासंगिक सवालों के जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं

कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि देशवासी जानना चाहते हैं कि कैसे एक संदिग्ध साख वाला समूह, जिस पर टैक्स हेवन देशों से संचालित विदेशी शेल कंपनियों से संबंधों का आरोप है, भारत की संपत्तियों पर एकाधिपत्य स्थापित कर रहा है और इस सब पर सरकारी एजेंसियां या तो कोई कार्यवाही नहीं कर रही हैं या इन सब संदिग्ध गतिविधियों को ही सुगम बनाने में जुटी हैं। भारत के लोग बहुत बुद्धिमान हैं और वे मोदी जी और उनके मित्र पूंजीपतियों के बीच संपूर्ण पारस्परिक तालमेल को समझ सकते हैं। वे जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने एक मित्र पूंजीपति को विश्व के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बनाने में मदद क्यों की और वे इस गंभीर अंतरराष्ट्रीय खुलासे पर चुप क्यों हैं?

भारत में भ्रष्टाचार और अमीरी बढ़ी

पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि हम किसी व्यक्ति के दुनिया के अमीरों की सूची में 609वें से दूसरे स्थान पर पहुँचने के खिलाफ नहीं है। लेकिन हम निस्संदेह सरकार द्वारा प्रायोजित निजी एकाधिकारों के ख़िलाफ़ हैं क्योंकि वे जनता के हितों के विरुद्ध होते हैं। विशेष तौर पर हम टैक्स हेवन देशों से आपत्तिजनक संबंधों, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक ख़ास व्यक्ति द्वारा हमारी अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना और राष्ट्रीय संसाधनों का लाभ उठाते हुए एकाधिपत्य स्थापित करने के ख़िलाफ़ हैं।