पीएम के झारखंड आगमन को आदिवासी नेताओँ ने बताया सियासी दांव, आदिवासियों के समग्र विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करें प्रधानमंत्री

15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू से जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ करेंगे।

पीएम के झारखंड आगमन को आदिवासी नेताओँ ने बताया सियासी दांव, आदिवासियों के समग्र विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करें प्रधानमंत्री
रांची
आदिवासी समन्वय समिति, झारखंड के लक्ष्मी नारायण मुंडा ने अमर शहीद बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु, खूंटी आने पर कहा है कि यह जनजातीय गौरव दिवस के नाम पर भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम करना कहने मात्र का सरकारी कार्यक्रम है, लेकिन वास्तव में यह पूरी तरह राजनीतिक अभियान लगता है। यह अमर शहीद बिरसा मुंडा और आदिवासी उलगुलान की धरती का राजनीतिक इस्तेमाल है। यह अघोषित तौर पर 2004 का चुनावी अभियान का हिस्सा है। अगर प्रधानमंत्री मोदी आदिवासियों के प्रति ईमानदार है और जनजातीय समाज के गौरव की चिंता कर रहे हैं तो छत्तीसगढ़, मणिपुर, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड) के आदिवासियों के खिलाफ जो शोषण, जुल्म, अत्याचार, दमन, हत्या हो रही है। आदिवासियों की जमीनें लूटी जा रही है, संवैधानिक हक-अधिकारों पर हमला हो रहा है। उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व, हिस्सेदारी पर चोट किया जा रहा है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जंगल, जमीन, प्राकृतिक संसाधनों को कारपोरेट औद्योगिक पूंजीपति घरानों द्वारा लूट कर उजाड़ा जा रहा है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी जी को पहल करना चाहिए, इस मामले में तो वे चुप क्यों रहते हैं ?
सरना कोड की मांग पूरी करें।
प्रकृति पूजक आदिवासी समुदाय के लिए अलग धर्म सरना कोड को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का क्या कहना है, बताना चाहिए ? वहीं यूसीसी वन अधिकार संरक्षण अधिनियम -2023 लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी आदिवासियों के संवैधानिक विशिष्ट कानूनों और हक अधिकारों का खात्मा क्यों करना चाहते हैं? आखिर मोदी जी आदिवासी बहुल क्षेत्र बिरसा मुंडा के उलगुलान की धरती में आकर क्या आदिवासी का भला करना चाहते हैं ?
विशेष पैकेज की है मांग
केंद्रीय धूमकुड़िया, करमटोली, रांची के अध्यक्ष सुनील टोप्पो ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की आने पर हमलोग स्वागत करते हैं पर वे यहां आकर आदिवासी समुदाय से संवाद करें। आदिवासियों के समग्र विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करें। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को हमेशा छला गया है। बिरसा मुंडा और आदिवासी समुदाय के विकास को लेकर के करोड़ो रुपए लूट ली गई। आजादी के 75 सालों बाद भी खूंटी सहित सभी आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं और आधारभूत संरचना का विकास नही हो पाया है। विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की राशि लूटी जा रही है।