नकली मुखिया का कारनामा

चाईबासा -सदर प्रखंड अंतर्गत कमारहातु में फर्जी मुखिया बनकर हस्ताक्षर एवं मुहर लगाकर जमीन का नामांतरण करवाने का मामला प्रकाश में आया है। जमीन का नामांतरण के लिए कमारहातु के स्व.कुशनू देवगम के पुत्रों राउतु देवगम, रामाय देवगम और विजय देवगम एवं स्व.विजय देवगम के पुत्र कुशनू देवगम ने सदर अंचलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी सर्वसाधारण सूचना के तहत अनापत्ति आवेदन- पत्र में मतकमहातु पंचायत के मुखिया जुलियाना देवगम का फर्जी हस्ताक्षर एवं मुहर लगाकर जमा किया गया।मजे की बात यह है कि अंचलाधिकारी कार्यालय द्वारा मुखिया के फर्जी हस्ताक्षर एवं मुहर के आधार पर जमीन का नामांतरण कर दिया। जबकि जमीन संबंधी कार्यों में संबंधित ग्राम के मुंडा का हस्ताक्षर एवं मुहर आवश्यक होता है। राउतु देवगम एवं अन्य द्वारा जमीन नामांतरण करवाने के बाद उक्त जमीन का हिस्सेदार होने का दावा करने वाले पाईकिराय सिंह देवगम ने जब सूचना का अधिकार अधिनियम -2005 के तहत अंचलाधिकारी का कार्यालय से सूचना प्राप्त किया तो ज्ञात हुआ कि अनापत्ति आवेदन-पत्र में मुखिया जुलियाना देवगम का हस्ताक्षर एवं मुहर लगा है।जब ग्रामीणों ने सच्चाई जानने के लिए मुखिया से सम्पर्क किया तो वे अपना हस्ताक्षर एवं मुहर देखकर भौंचक रह गए। उन्होंने फर्जीवाड़े का खुलासा करने के लिए ग्राम मुंडा को ग्राम सभा बुलाने के लिए आवेदन दिया।मुंडा बिरसा देवगम ने ग्राम सभा बैठक बुलाई, लेकिन जमीन का नामांतरण कराने वाले परिवार बैठक में नहीं आए। इसके बाद ग्रामीणों के साथ मुखिया ने उपायुक्त,भूमि सुधार उपसमाहर्ता एवं थाने को फर्जीवाड़े करने वालों पर अंकुश लगाने का लिखित मांग किया। ग्राम सभा बैठक पूर्व मुखिया लादू देवगम, सोमय देवगम,जिला परिषद सदस्य राजश्री सावैयां,पंसस दीनबंधु देवगम, कृष्णा देवगम, सुरजा देवगम, मोटाय देवगम, सिंगराय देवगम, प्रकाश देवगम, नंदलाल देवगम, सुमित्रा पाड़ेया तुलसी देवगम, सोनामुनी देवगम,शिमलन देवगम,विजय देवगम, मांदुई पाड़ेया, जगदीश देवगम, रामचंद्र बिंदाणी,बिरसा देवगम,पियुस देवगम,शिलेश देवगम, सालुका देवगम, मधुसूदन देवगम रमेश देवगम, अभय देवगम आदि उपस्थित थे।

नकली मुखिया का कारनामा
नकली मुखिया का कारनामा