खतियानी नियोजन नीति के लिए दौड़ रहे पूर्व विधायक, अबतक 1029 किमी की दौड़ चुके

खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग को लेकर प्रतिदिन 21 किलोमीटर की दौड़ लगा रहे सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो और जनता।

खतियानी नियोजन नीति के लिए दौड़ रहे पूर्व विधायक, अबतक 1029 किमी की दौड़ चुके

रांची,


खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग को लेकर प्रतिदिन 21 किलोमीटर की दौड़ लगा रहे सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो और जनता। खतियान आधारित स्थानीय व नियोजन नीति के मांग पर जेएमएम से रिश्ता तोड़ चुके पूर्व विधायक अमित महतो अपने विधानसभा क्षेत्र में विगत 49 दिनों से प्रतिदिन 21 किलोमीटर की दौड़ लगा रहे हैं। पूर्व विधायक ने फर्स्ट फेज में 129 दिनों का कार्यक्रम तय किया है, जिसमें सिल्ली विधानसभा के साथ साथ रामगढ़ और गोमिया विधानसभा भी शामिल है। आज से अमित महतो रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में दौड़ लगा रहे हैं। अबतक पूर्व विधायक 1029 किलोमीटर दौड़ चुके हैं।  उनके इस दौड़ में बच्चे, युवा और क्षेत्र की जनता भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे। रांची से 55 किलोमीटर दूर राहे प्रखंड से सैकड़ों युवाओँ के साथ सिल्ली तक की दौड़ में विधायक और उनके समर्थकों ने एक भी विराम नहीं लिया। इस दौड़ को देखकर विधायक और जनता की भावनाओं का अंदाजा लगा सकते हैं। अमित महतो कहते हैं कि हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंडियों से वादाखिलाफी की है और बाहरियों के इशारों पर काम कर रहे। यही वजह है कि इन्होंने 60-40 वाली नीति बनायी। कुरमी बाहुल सिल्ली विधानसभा में राज्य सरकार के 60-40 फॉर्मूले वाले नियोजन नीति को लेकर काफी गुस्सा है। इसके विरोध में युवाओं की फौज दक्षिणी छोटानागपुर से लेकर संथाल परगना तक अलग अलग आंदोलन चल रहा। 

बना चुके हैं नयी पार्टी

पूर्व विधायक अमित महतो ने एक वर्ष पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा से नाता तोड़ कर नयी पार्टी का गठन किया है। उन्होंने इस पार्टी का नाम दिया है 'खतियानी झारखंडी पार्टी'। खतियानी झारखंड पार्टी के विधिवत मान्यता के लिए कागजी कार्यवाही चल रही है। गठन के वक्त इस पार्टी से पूर्व विधायक सह मंत्री गीताश्री उरांव, पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा, पूर्व विधायक सीमा महतो, झारखंड आंदोलनकारी सहित अन्य दलों के असंतुष्ट भी साथ दिखे थे। लेकिन बाद के दिनों में अमित महतो अकेले पड़ गये। पार्टी 2024 में दो दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

नियोजन नीति पर तोड़ा नाता

2019 के चुनावी नतीजों में 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति का बड़ा हाथ था। झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन पूर्ण बहुमत में पहली बार सरकार बना चुके थे, लेकिन धीरे धीरे खतियान की बात धीमी पड़ गयी। कोरोना काल के बाद पूर्व विधायक अमित महतो ने खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग को लेकर अपनी ही पार्टी पर दबाव बनाने लगे और एक माह के अल्टीमेट के बाद उन्होंने जेएमएम से नाता तोड़ लिया।