प्रधानमंत्री ने तेजस से भरी उड़ान, गजब के अनुभव के साथ स्वदेशी क्षमताओँ पर बढ़ा भरोसा

प्रधानमंत्री ने तेजस से भरी उड़ान, गजब के अनुभव के साथ स्वदेशी क्षमताओँ पर बढ़ा भरोसा

बेंगलुरू

25 नवंबर को लड़ाकू विमान तेजस से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उड़ान भरी। इस उड़ाने के बारे में नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट् किया है कि "मैं आज तेजस से उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं है। भारतीय वायुसेना, डीआरीडीओ और HAL के साथ समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।" इस उडा़ने से पहले नरेन्द्र मोदी बेंगलुरू स्थिति हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भी पहुंचे। तेजस को HAL ने ही बनाया है। वायुसेना के दो स्क्वॉड्रन में शामिल तेजस सिंगल इंजन वाला हल्का लड़ाकू विमान है।

  

लड़ाकू विमान से उड़ान भरने वाले हस्ती

7 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई 30 MKI लड़ाकू विमान से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 30 मिनट तक सॉर्टी की। उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल ने सुखोई से 25 नवंबर 2009 को उड़ान भरी थी। उनके अलावा एपीजे अब्दुल कलाम 8 जून 2006, जॉर्ज फर्नांडिस 22 जून 2203, निर्मला सीतारमण 17 जनवरी 2018, किरेन रिजिजू मई 2016, राजीव प्रताप रूड़ी 19 फरवरी 2015, राव इंद्रजीत सिंह अगस्त 2015 को उड़ान भर चुके हैं। 

लाइट कॉम्बैट प्रजोक्ट के तहत विकसित हुआ तेजस

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में इसका नामांकरण करते हुए इसे 'तेजस' नाम दिया था। हलांकि इसपर 1983 में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू हो चुका था। डॉ. हरिनारायण और उनकी टीम ने इस लड़ाकू विमान को बनाया था। 4 जनवरी 2001 को तेजस ने पहली बार आसमान में उड़ान भरी। 2016 में 2 तेजस विमान को वायुसेना के स्क्वॉड्रन में शामिल किया गया।