झारखंड विधानसभा का 23 वां स्थापना दिवस समारोह, अंतर्रविरोधों को भूलकर देश व राज्य के विकास का संकल्प लें सदस्य

झारखंड राज्य स्थापना दिवस के एक हफ्ते बाद झारखंड विधानसभा का स्थापना दिवस मनाया जाता है। बुधवार को इस समारोह में राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री शामिल हुए।

झारखंड विधानसभा का 23 वां स्थापना दिवस समारोह, अंतर्रविरोधों को भूलकर देश व राज्य के विकास का संकल्प लें सदस्य


रांची

झारखंड विधानसभा 23 वर्ष का हो गया। आज विधानसभा परिसर में  के 23वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उद्घाटनकर्ता के रूप में राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण और मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए।। कार्यक्रम में इस साल के सर्वश्रेष्ठ विधायक रामचंद्र सिंह को बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक के सम्मान से सम्मानित किया गया. वहीं विधानसभा के उत्कृष्टकर्मी, शहीद के परिजन, समाजसेवी, 10 वीं व 12 वीं के टॉपर को सम्मानित किया गया। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने सभी को प्रशस्ति पत्र, शॉल तथा मोमेंटो देकर सम्मानित किया. उत्कृष्ट विधायक को 51 हजार रुपये और प्रत्येक चयनित पदाधिकारी एवं कर्मी को 21 हजार रुपये की सम्मान राशि दी गयी। स्थापना दिवस समारोह के दूसरे दिन यानि 23 नवंबर को संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होना है। 


चार वर्षों में झारखंड विधानसभा ने तीन ऐतिहासिक विधायी कार्य हुए।

इस मौके पर स्पीकर रविंद्रनाथ महतो ने अपील की कि हम सब पक्ष और विपक्ष के लोग अपने अंतर्विरोधों को भूलकर देश और राज्य को विकसित करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि पांचवी झारखंड विधानसभा को राज्यवासी राजनीतिक इतिहास में लंबे समय तक याद रखेंगे। विगत चार वर्षों में विधानसभा ने तीन ऐतिहासिक बिल पास किये, जो झारखंड वासियों के अस्मिता से जुड़े थे। 

विधानसभा सर्वोच्च पंचायत

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विधानसभा राज्य का सर्वोच्च पंचायत है. ये महापंचायत मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे से भी ऊपर है। यहां पर न सिर्फ राज्य के आम लोग बल्कि झारखंड के जल, जंगल, जमीन और जीव जंतुओं के लिए भी नीतियां बनती हैं. हजारों-लाखों लोग काफी उम्मीद के साथ अपना एक प्रतिनिधि यहां भेजते हैं। जो प्रतिनिधि विधानसभा में पहुंचते हैं, वे उन लोगों की आवाज बनते हैं। 

मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष दोनों युवा और ऊर्जावान

विधानसभा के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि हम सदन में ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभायें। कहा कि यह खुशी की बात है कि झारखंड के मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष दोनों युवा शक्ति के प्रतीक हैं। दोनों काफी ऊर्जावान हैं और दोनों बेहतर कार्य करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं है। हमें जनता के भले के लिए काम करना होगा।