बिरसा के बहाने बीजेपी सत्ताधारी दलों पर लगायेगी सेंध, कुछ ऐसी होगी लोकसभा की 14 सीटों पर बीजेपी की रणनीति : सूत्र

राज्य के कुछ चुनिंदा आदिवासी नेता पीएम नरेन्द्र मोदी के झारखंड दौरे को सियासी यात्रा बते रहे, तो क्या है वो सियासत ?

बिरसा के बहाने बीजेपी सत्ताधारी दलों पर लगायेगी सेंध, कुछ ऐसी होगी लोकसभा की 14 सीटों पर बीजेपी की रणनीति : सूत्र

रांची

बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को इस बार बेहद खास होने वाली है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ना केवल पहली बार खूंटी के उलिहातू पहुंचेंगे, बल्कि उलिहातू पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री भी होंगे। पीएम मोदी बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू में ढाई घंटे रूकेंगे, बिरसा के वंशजों से बातें करेंगे और रांची स्थित पुरानी जेल भी जायेंगे, जहां बिरसा मुंडा ने प्राण त्यागे, लेकिन इन सब कार्यक्रमों के साथ कुछ राजनीतिक बातें भी हवा में तैरने लगी है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस की सांसद गीता कोड़ा प्रधानमंत्री के मंच पर बीजेपी में शामिल होंगी। गीता कोड़ा के बीजेपी में जाने की अटकलें पिछले कई महीनों से लगायी जा रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव की तारीख करीब आने के साथ ही अटकलें भी तेज हो गयी है। फिलहाल गीता कोड़ा चाईबासा से सांसद है। इसके साथ ही राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि हेमंत सरकार के एक मंत्री भी बीजेपी खेमें में जाने को बेताब है। उन्हें चतरा संसदीय सीट से बीजेपी मौका दे सकती है। 

कभी बीजेपी के सिपाही थे मधु कोड़ा

गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा लगभग ढेड़ दशक पूर्व तक बीजेपी के विधायक और मंत्री रह चुके हैं। बीजेपी छोड़ने के बाद वो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 2005 में चुनाव जीते और निर्दलीय मुख्यमंत्री भी बने। आय से अधिक संपत्ति के मामले से पूर्व तक मधु कोड़ा सक्रिय राजनीति में थे, बाद में उनकी विरासत उनकी पत्नी गीता कोड़ा ने संभाली और सीट भी। 2014 में जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से उन्होंने पहली बार धमाकेदार जीत दर्ज की और राजनीति में छा गयी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में आने से पहले तक पति-पत्नी जय भारत समानता पार्टी संभाल रहे थे।

संगठन से बना ली है दूरी

कांग्रेसी सांसद गीता कोड़ा को संगठन ने झारखंड में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे रखी है। 2021 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया , लेकिन बताया जाता है वो विगत एक वर्ष से भी समय से संगठन के कामकाज में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही। पार्टी की महत्वपूर्ण बैठकों से भी उन्होंने दूरी बना रखी है।  

सिर्फ 2 सीट दूर 

झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में 12 पर बीजेपी पहले से काबिज है। सिर्फ 2 सीटों पर बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत नहीं कर पायी है, वो है राजमहल और चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम)। राजमहल संसदीय सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय हांसदा सासंद है और दूसरे पर कांग्रेस की गीता कोड़ा। अब बीजेपी इन दोनों सीटों पर नये सियासी दांव के बजाय पुराने चेहरों को अपने खेमें में करने की तैयारी में है। चर्चा यह भी है कि JMM के बागी विधायक लोबिन हेम्ब्रम दिल्ली का सपना देख रहे हैं। अगर वो राजमहल संसदीय सीट पर निर्दलीय भी उतर गये तो जेएमएम का गणित बिगाड़ सकते हैं।