Old Pension Scheme:पेंशन नहीं तो वोट नहीं, दिल्ली के रामलीला मैदान से उठी मांग।

दिल्ली के रामलीला मैदान में पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर लाखों की संख्या में कर्मचारी जुटे।

Old Pension Scheme:पेंशन नहीं तो वोट नहीं, दिल्ली के रामलीला मैदान से उठी मांग।

दिल्ली

केन्द्र सरकार पुरानी पेंशन को लेकर बुरी तरह से घिर गयी है। पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर दिल्ली के रामलाली मैदान लाखों की संख्या में कर्मचारियों ने एकत्र होकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। कर्मचारियों के इस प्रदर्शन को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का समर्थन भी मिल रहा है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि ‘पुरानी पेंशन नहीं तो वोट नहीं’। कर्मचारियों ने इस रैली को ‘पेंशन शंखनाद महारैली’ नाम दिया है। इस महारैली में कई राज्यों से अलग-अलग संगठनों के कार्यकर्ता और सरकारी कर्मचारी दिल्ली में इकट्ठा हुए थे। हालांकि केन्द्र सरकार बीच का रास्ता निकालने का प्रयास कर  रही है, लेकिन देशभर के कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें सिर्फ और सिर्फ पुरानी पेंशन ही चाहिए। रविवार को राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में लाखों सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू करने की मांग करते हुए इकट्ठा हुए थे। 

आप और कांग्रेस का मिला समर्थन

कर्मचारियों की रैली के बाद कांग्रेस ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘पुरानी पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है। कांग्रेस की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन बहाल की है। इसे लेकर हमारी नीति साफ है- कर्मचारियों को उनका हक मिलना ही चाहिए। मोदी सरकार पुरानी पेंशन बहाल करे, देश की सेवा करने वाले कर्मवीरों का सम्मान करे। वंही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ‘हम OPS को वापस लाने की सरकारी कर्मचारियों की मांग का पुरजोर समर्थन करते हैं। NPS कर्मचारियों के साथ अन्याय है। हमने पंजाब में OPS लागू किया है और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के लिए इसे लागू करने के लिए केंद्र को लिखा है। कुछ अन्य गैर-भाजपा सरकारों ने भी OPS लागू किया है।’

इन राज्यों में लागू है पुरानी पेंशन योजना

वर्तमान में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में OPS लागू है। राजस्थान ने सबसे पहले इसे लागू किया था। इसी साल छत्तीसगढ़ ने भी अपने कर्मचारियों को पुरानी और नई पेंशन योजना में से चुनने का विकल्प दिया। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में ये कांग्रेस का प्रमुख चुनावी वादा था। ज्ञात होगा हिमाचल में कांग्रेस की जीत के पीछे OPS ने अहम भूमिका निभाई है। इन पांच राज्यों का उदाहरण देकर केन्द्र सरकार से सवाल किया जा रहा है कि जब इन पांच राज्यों में यह योजना लागू है तो फिर पूरे देश में क्यों नहीं? यहां यह सवाल उठना लाजिमी है कि पूरे देश का हर राज्य भाजपा शासित राज्य नहीं है। जबकि यह योजना सिर्फ पांच गैर भाजपा राज्यों में भी लागू है। फिर यह योजना भाजपा विरोधी दूसरे राज्यों में क्यों नहीं लागू है?

पुरानी पेंशन योजना की विशेषताएं

  • इस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय मिल रहे वेतन की आधी रकम पेंशन के रूप में दी जाती है.
  • ओपीएस के तहत कर्मचारियों के वेतन से पेंशन के लिए कोई पैसा नहीं कटता है
  • पुरानी पेंशन योजना के तहत भुगतान सरकार अपने खजाने से पेमेंट करती है
  • इस स्कीम में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है
  • इसमें जनरल प्रोविडेंड फंड का प्रावधान है
  • इसमें छह महीने बाद महंगाई भत्ता बढ़ाने का प्रावधान है

नई पेंशन योजना

  • कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी हिस्सा कटता है.
  • नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है,? जिस कारण यह उतना सुरक्षित नहीं है.
  • इसमें छह महीने बाद महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का प्रावधान नहीं है.
  • रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं है.
  • यह टैक्स कटौती के तहत भी आता है.
  • रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने के लिए आपको 40 फीसदी एनपीएस का हिस्सा एन्युटी में निवेश करना होगा।