अतीक को उम्रकैद, विधायक राजू पाल हत्या केस में प्रयागराज कोर्ट का फैसला

17 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट ने दिवंगत उमेश पाल के अपहरण मामले में माफिया डॉन अतीक अहमद उनके दो गुर्गों को उम्रकैद की सजा सुनायी है।

अतीक को उम्रकैद, विधायक राजू पाल हत्या केस में प्रयागराज कोर्ट का फैसला


प्रयागराज,


17 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट ने दिवंगत उमेश पाल के अपहरण मामले में माफिया डॉन अतीक अहमद उनके दो गुर्गों को उम्रकैद की सजा सुनायी है। इस मामले में कोर्ट ने अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया है। 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ को सजा सुनायी गयी है। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल प्रमुख गवाह था, जिसकी 28 फरवरी 2006 को अपहण कर मारपीट की गयी और 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी।  हलांकि इस सजा पर मृतक उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने रोते हुए कहा कि दोषियों को इस मामले में उम्रकैद के बजाय फांसी होनी चाहिए, अतीक उनके और उनके परिवार की हत्या करवा सकता है। अतीक अहमद के जीते जी उनके आतंक का साम्राज्य खत्म नहीं हो सकता है। अगर वो जेल भी रहता है तो उनके आतंक का राज चलता रहेगा। उसने जेल में रहते हुए ही मेरे पति की हत्या करवा दी थी। कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया है। 

फफक कर रो पड़े अतीक

आतंक के आंख में आज आंसू भी नजर आये। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उम्रकैद की सजा सुनाये जाते ही अतीक अहमद अपने भाई अशरफ के कंधे पर सर रखकर रो पड़े। 

अतीक समेत 11 लोग आरोपी

उमेश पाल 2005 में हुए राजूपाल हत्याकांड में मुख्य गवाह था। कोर्ट का यह फैसला इसलिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि उमेश की 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई।  इस मामले में भी अतीक, उसका भाई अशरफ, बेटा असद समेत 11 लोग आरोपी थे।

सोमवार को साबरमती से प्रयागराज

इससे पहले सोमवार को भारी सुरक्षा के बीच अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था। जबकि उसके भाई अशरफ को बरेली से प्रयागराज लाया गया था। इसके अलावा एक अन्य आरोपी फरहान को भी यहीं लाया गया था। इस मामले की सुनवाई 23 मार्च को पूरी हो चुकी थी।